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Karni Mata Oran Parikrama 2019 will be on 11th November 2019 Monday at Deshnok ओरण परिक्रमा के पीछे जो कहानी प्रचलित है उसके अनुसार, मां करणी के सबसे छोटे बेटे लाखन कार्तिक पूर्णिमा पर श्री कोलायत जी स्थित कपिल सरोवर स्नान करने गए थे. जहां......

काले डूगर राय मन्दिर यह मन्दिर जैसलमेर शहर से ४५ की. मी उतर दिशा मे एक पहाड़ी की चोटी पर हें ! इस पहाड़ी का रंग काला होने के कारण इस मन्दिर को काले डूगर राय के नाम से जाना जाता हें ! ...

श्री घंटियाली राय मन्दिर स्थान तनोट मन्दिर से बी. एस. ऍफ़. मुख्यालय से आते समय १० की. मी प्रूव की और इसी रोड पर हें ! जब मातेश्वरी तणोट से पधार रही थी तब इस स्थान के धोरों मे भयंकर वन मानुस असुर रहता था ! ...

श्री तणोट राय मंदिर स्थान भाटी राजा की राजधानी थी वह मातेश्वरी के भक्त थे ! उनके आमंत्रण देने पर महामाया सातों बहने तणोट पधारी थी , इसी कारण भक्ति भाव से प्रेरित होकर राजा ने एक मन्दिर की स्थापना की थी...

श्री तेमड़े राय मन्दिर : यह स्थान जैसलमेर शहर से २५ की. मी. दक्षिण की तरफ़ बना हुवा हें! इस स्थान को दूसरा हिंगलाज स्थान के नाम से जाना जाता हें ! इस पर्वत पर तेमड़ा नामक विशालकाय हुण जाति का असुर रहता था !...

देग राय मन्दिर : यह स्थान जैसलमेर से ५० की. मी. देवीकोट साकड़ा रोड़ पर हें ! यहाँ एक तालाब के ऊपर बड़ा रमणीक मन्दिर हें ! इस जगह मातेश्वरी ने सहपरिवार निवास किया था !...

आवड़ा माता का यह स्थान मोहनगढ़ से ६ की. मी. उतर की और सिथत हे उसके चारो और रेत के टीले हें पुराने समय मे इस जगह पर एक कच्चा मन्दिर था उसके पास एक खेजड़ी का पुराना वृक्ष था जिसके निचे पानी का कुवा था ! ...

श्री भादरिया राय मन्दिर स्थान जैसलमेर से करीब ८० की. मी. जोधपुर रोड धोलिया ग्राम से १० की. मी. उतर की तरफ़ हें ! उक्त स्थान के पास एक भादरिया नमक राजपूत रहता था उसका पुरा परिवार आवड़ा माता का भक्त था ! ...